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Super Seeder

सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine) क्या है और कैसे दिलाएगी पराली की समस्या से निजात

सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine) क्या है और कैसे दिलाएगी पराली की समस्या से निजात

हर साल ठंड का महीना शुरू होने के साथ ही उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। इसका एक कारण पराली जलाने की समस्या है। हमारे देश में किसान फसलों के बचे भागों यानी अवशेषों को कचरा समझ कर खेत में ही जला देते हैं। इस कचरे को पराली कहा जाता है। इसे खेत में जलाने से ना केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि खेत को भी काफी नुकसान होता है। ऐसा करने से खेत के लाभदायी सूक्ष्मजीव मर जाते हैं और खेत की मिट्टी इन बचे भागों में पाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों से वंचित रह जाती है। किसानों का तर्क है कि धान के बाद उन्हें खेत में गेहूं की बुवाई करनी होती है और धान की पराली का कोई समाधान नहीं होने के कारण उन्हें इसे जलाना पड़ता है। पराली जलाने पर कानूनी रोक लगाने के बावजूद, सही विकल्प ना होने की वजह से पराली जलाया जाना कम नहीं हुआ है।

सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine) और पराली की समस्या का हल

Super Seeder Machine

इस समस्या से निजात देने के लिए सुपर सीडर मशीन वरदान की तरह हैं। इस मशीन(Machine) के इस्तेमाल से धान की कटाई के बाद खेत में फैले हुए धान के अवशेष को जलाने की ज़रूरत नहीं होती है। सुपर सीडर(Super Seeder) के साथ धान की पराली जमीन में ही कुतर कर बिजाई करने से अगली फसल का विकास होता है। इसके अलावा जमीन की सेहत भी बेहतर होती है और खाद संबंधी खर्च भी घटता है। 

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 सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine) से किसानों को धान के बाद गेंहू की बुवाई के लिए बार बार जुताई नहीं करानी होती और न हर पराली को जलाने की ज़रूरत होती है। बल्कि यह पराली खाद का काम करेगी। पराली की मौजूदगी में ही गेहूँ की बिजाई संभव है। इस प्रकार सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine) से बुवाई खर्च कम लगेगा और उत्पादन भी बढ़ेगा। धान की सीधी बिजाई एवं गेहूँ की सुपर सीडर(Super Seeder) से बुवाई करने पर कम समय एवं कम व्यय के साथ-साथ अधिक उत्पादन एवं पर्यावरण प्रदूषण तथा जल का संचयन भी आसानी से किया जा सकता है।

कैसी होती है सुपर सीडर मशीन(Super Seeder Machine)

 सुपर सीडर(Super Seeder) में रोटावेटर, रोलर व फर्टिसीडडृलि लगा होता है। सपुर सीडर ट्रैक्टर(Super Seeder Tractor) के साथ 12 से 18 इंच खड़ी पराली के खेत में जुताई करते हैं। रोटावेटर पराली को मिट़टी में दबाने, रोलर समतल करने व फर्टिसीडड्रिल खाद के साथ बीज की बुवाई करने का काम करता है। दो से तीन इंच की गहराई में बुवाई होती है। 

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खासियत

सुपर सीडर(Super Seeder) की खासियत है कि एक बार की जुताई में ही बुआई हो जाती है। पराली की हरित खाद बनने से खेत में कार्बन तत्व बढ़ा जता है और इससे अच्छी फसल होती है। इस विधि से बुवआई करने पर करीब पाँच प्रतिशत उत्पादन बढ़ सकता है और करीब 50 प्रतिशत बुआई लागत कम होती है। पहले बुआई के लिए चार बार जुताई की जाती थी। ज़्यादा श्रम शक्ति भी लगती थी। सुपर सीडर(Super Seeder) यंत्र से 10 से 12 इंच तक की ऊंची धान की पराली को एक ही बार में जोत कर गेहूं की बुआई की जा सकती है। जबकि किसान धान काटने के बाद पाँच से छह दिन जुताई कराने के बाद गेहूं की बुआई करते हैं। इससे गेहूँ की बुआई में ज्यादा लागत आती है। जबकि सुपर सीडर(Super Seeder) यंत्र से बुआई करने पर लागत में भारी कमी आती है।

किसानों में जागरुकता का प्रसार

कई राज्यों में किसानों को सुपर सीडर(Super Seeder) चलाने और इससे गेहूँ की बुवाई करने की जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि पराली जलाने की मजबूरी से सुपर सीडर(Super Seeder) निजात दिला सकता है। किसानों को जागरुक करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र भी जुटा है। 

कीमत

इस मशीन(machine) की कीमत बाजार में 2 से सवा 2 लाख रुपये तक है। यह मशीन एक एकड़ जमीन की जुताई एक से दो घंटे में कर सकती है। 

समस्या

हालांकि यह मशीन किसानों के लिए कारगर तो है, लेकिन इसकी महंगी कीमत होने के कारण छोटी जोत के किसानों तक इसकी पहुँच नहीं हो पाएगी। ऐसे में किसानों ने सरकार से इस मशीन के लिए सब्सिडी(Subsidy) देने की मांग की है।

इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

वर्तमान में संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध है। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदते हैं, तो इस पर उन्हें 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। मध्य प्रदेश की राज्य सरकार किसान भाइयों की आमदनी में इजाफा करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं जारी कर रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसान भाइयों की खेती करने की तकनीक वैज्ञानिक रूप धारण कर गई है। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में कृषकों को कृषि यंत्रों पर अच्छा-खासा अनुदान भी दिया जा रहा है। परंतु, फिलहाल रीवा और सतना जनपद के किसानों के लिए काफी अच्छी खुशखबरी है। यहां के कृषकों को सुपर सीडर मशीन खरीदने के लिए अच्छा-खासा अनुदान प्रदान किया जा रहा है। 

सुपर सीडर किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होता है

मीडिया खबरों के अनुसार, सुपर सीडर एक ऐसा यंत्र है, जिसको ट्रैक्टर के साथ जोड़कर खेती-बाड़ी करने के कार्य में लिया जाता है। इस यंत्र का सर्वाधिक इस्तेमाल फसलों की बुवाई करने हेतु किया जाता है। इसके इस्तेमाल से नरवाई की दिक्कत परेशानी दूर हो चुकी है। अब ऐसी स्थिति में गेहूं एवं चने की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर यंत्र बेहद उपयोगी साबित होता है। 

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सुपर सीडर के उपयोग से नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसी फसल के डंठल को नरवाई कहा जाता है। सुपर सीडर धान एवं गेहूं की डंठल को छोटे- छोटे भागों में विभाजित कर मृदा में मिला देता है। अब ऐसी स्थिति में सुपर सीडर मशीन से फसलों की बिजाई करने वाले कृषकों को नरवाई को आग के जरिए जलाना नहीं पड़ता है। इससे प्रदूषण पर भी रोक लगती है। 

सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा

फिलहाल, संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध हैं। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदेंगे तो 40 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। मुख्य बात यह भी है, कि यह यंत्र एक घंटे में एक एकड़ भूमि में फैले नरवाई को चौपट कर देती है। इसके पश्चात फसलों की बिजाई करती है। धान के उपरांत गेहूं एवं गेंहू के बाग मूंग की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर किसी वरदान से कम नहीं है। किसान भाई सुपर सीडर के माध्यम से वर्षभर में अच्छी-खासी आमदनी की जा सकती है। वैसे तो सुपर सीडर की कीमत लगभग 3 लाख रुपये है। परंतु, कृषि विभाग की तरफ से 40 प्रतिशत प्रतिशत अनुदान मिलने के पश्चात इसकी कीमत काफी हद तक कम हो जाती है।